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जीएसटी फिलोसाफी को समझना जरूरी: मलिक
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सीए की जीएसटी नेशनल कॉन्फ्रेंस
इंदौर. जीएसटी कर प्रशासन विभाग और जीएसटीएन पोर्टल के द्वारा प्रशासित होता है. हमें टैक्स फिलोसोफी को समझना जरुरी है. किस पर कहाँ, किस प्रकार से और कितना टैक्स लगाना है. यह लाइफ लॉन्ग प्रोसेस है इसलिए टैक्स कानून में अमेंडमेंड आते रहते हैं.
यह बात सीजीएसटी कमिश्नर नीरव कुमार मलिक ने कही. वे द इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट की इंदौर शाखा द्वारा जीएसटी की पहली वर्षगांठ पर दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस के पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. इस कांफ्रेंस में देशभर के 850 से अधिक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स टैक्स कंसल्टेंट्स ने भाग लिया. विशेष अतिथि एसजीएसटी कमिश्नर पवन कुमार शर्मा ने कहा कि एक वर्षों में करीब 1 लाख नए करदाता बढ़े हैं. पहले वेट एक्ट में 290000 करदाता थे जो कि अब बढकर 380000 करदाता हो गए हैं. चार्टर्ड एकाउंटेंट्स करदाता और विभाग के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं तथा पुरे जीएसटी इम्प्लीमेंटेशन में विभाग ने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से काफी सीखा. अब विभाग मासिक रिफंड भी प्रदान कर रहा है जिससे इंदौर पूरे देश में रिफंड प्रदान करने में प्रथम स्थान पर है.
इंदौर शाखा ने जनता को किया अपडेट
कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र में इंदौर शाखा के चेयरमैन अभय शर्मा ने कहा कि जीएसटी को लागु हुए एक वर्ष से पूरा हो गया है तथा इस 365 दिनों में 367 से ज्यादा अमेंडमेंड्स आ चुके हैं. इंदौर सीए शाखा ने हर एक अमेंडमेंड पर सेमिनार का आयोजन कर सीए समुदाय तथा जनता को अपडेट किया. इस पूरे एक वर्ष में इंदौर सीए शाखा ने कुल 50000 घंटे से ज्यादा के सेमिनार आयोजित किये जिसमें से 20000 घंटे से ज्यादा के सेमिनार सिर्फ जीएसटी पर आयोजित किये. इस तरह जीएसटी इम्प्लीमेंटेशन में इंदौर सीए शाखा का अनुकरणीय योगदान दिया है. कांफ्रेंस में आभार सीए आनंद जैन ने माना. इस अवसर पर पास्ट चेयरमेन सीए सुनील जी खंडेलवाल, सेंट्रल कौंसिल मेम्बर सीए केमिषा सोनी, सीए निलेश गुप्ता, सीए चर्चिल जैन, वाइस चेयरमैन पंकज शाह सीए जयेश शाह, सीए प्रतीक अग्रवाल, सीए सोम सिंघल और सीए प्रमोद तापडिया उपस्थित थे.
सर्टिफिकेट देने से पहले जांच करें
पहले टेक्नीकल सेशन में नासिक से आए कर सलाहकार एवं टेक्स विषयों के वरिष्ठ लेखक वी.एस. दाते ने जीएसटी में वैल्यूएशन कैसे और क्या किया जाए इस पर विस्तृत चर्चा करते हुए उदाहरण के साथ समस्याओं का समाधान किया. उन्होंने कहा कि जीएसटी एक्ट का सबसे बड़ा फैलुअर जीएसटी पोर्टल है. कॉन्फ्रेंस के दूसरे सत्र में सीए एस एस गुप्ता ने प्लेस ऑफ सप्लाई और टाइम ऑफ सप्लाई जैसे जटिल विषय पर आने वाली समस्याओं की चर्चा की. तीसरे सत्र में बेंगलुरु से आए सेंट्रल काउंसिल मेंबर और आईसीएआई की इनडायरेक्ट टैक्स कमिटी के चेयरमेन सीए मधुकर हिरगंगे ने जीएसटी ऑडिट के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए बताया कि जिस रजिस्टर्ड डीलर का टर्नओवर पिछले वर्ष में दो करोड़ से अधिक रहा है उस पर जीएसटी ऑडिट के प्रावधान लागू होंगे. श्री मधुकर ने बताया कि चार्टर्ड एकाउंटेंट्स किसी भी प्रकार का सर्टिफिकेट देने से पहले उसकी विस्तार में जांच पड़ताल कर ले ताकि किसी भूल के चलते गलत ऑडिट रिपोर्ट इशू न हो जाये.